आज़ादी में ही सत्य उद्घाटित हो सकता है | Jiddu Krishnamurti Teachings in Hindi
कैसे कोई तबदील हो, कुछ ‘बनने की प्रक्रिया से परे बस अस्तित्व की सहज स्थिति में रूपांतरण कैसे हो? वो शख्स जो कुछ बन जाने के चक्र में फँसा है, संघर्ष और कामनाओं में उलझा है, वो खुद ही से भिड़ा हुआ है वो उस स्थिति को कैसे जाने जो सद्गुण है, स्वतंत्रता है? यानी […]
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