एक दिन की बात है। एक धोबी एक नदी के किनारे कहीं जा रहा था । तभी वहां एक शेर पानी पीता हुआ दिखाई दिया।
उस वक्त झाड़ी में से एक शिकारी ने शेर को गोली मार दी। वह शिकारी केवल शेर का चमड़ी चाहता था |
शेर की खाल उतारते समय शिकारी ने एक बच्चा शेर को उसके अंदर से बाहर निकाला और किनारे पर छोड़ दिया।
धोबी ने उस शेर के बच्चे को ले लिया और उसकी देखभाल की। बच्चा हर जगह धोबी का पीछा कर रहा था। उस धोबी के पास बहत सारे गधे बि थे, जिन गधों को धोबी ने पाल रखा था । जब वह शेर काफी बड़ा हो गया, तो धोबी ने उन गधों के साथ-साथ अपना एक कपड़ा जैसा युवा शेर की पीठ पर रख दिया। इस प्रकार शेर अपनी पीठ पर कपड़े लेकर बड़ा हुआ और उसके साथ गधों जैसा व्यवहार किया जाने लगा।
एक दिन एक जंगली शेर घूम रहा था और वहां से घास चर रहे और खा रहे गधों को देखा । वहां पर जंगली शेर ने जो देखा उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था । गधों के साथ एक शेर भी घास खा रहा था।
शेर ने सोचा “यह कैसे हो सकता है?”
“गधा प्राकृतिक रूप से घास खाता है, घास उसके लिए अच्छा भोजन है, लेकिन एक शेर घास खा रहा है!”
ये सोचते हुए जंगली शेर ने झाड़ी से बाहर कूदा और झुंड की ओर चल पड़ा। सारे गधे भागने लगे। उन गधों के साथ पालतू शेर भी भागने लगा। वह बिल्कुल गधों की तरह डर रहा था। जंगली शेर ने पीछा करके पालतू शेर को पकड़ लिया। वह उस पर कूदा और उसे घास पर गिरा दिया।
पालतू शेर बहुत डरा हुआ था।
उसने जंगली शेर को कहा ” कृपया मुझे मत खाओ, मुझे जाने दो और मेरे दूसरों साथियों के साथ शामिल होने दो।”
जंगली शेर ने कहा “लेकिन आप तो शेर हैं,”
पालतू शेर ने कहा “नहीं, मैं एक गधा हूँ।” जंगली शेर ने पालतू शेर को वापस नदी पर लिया और कहा “अपना प्रतिबिंब देखो,” “हम दोनो एक जैसे हैं।”
शेर ने पानी में देखा और दो शेरों को पीछे मुड़ते देखा। जंगली शेर ने कहा “अब दहाड़े,”
और पालतू शेर दहाड़ा! यह उतना ही सरल है । शेर बनने का अभ्यास मत करें, बस दहाड़े।
आप जो हैं वह बनने के लिए आपको कुछ नहीं करना है। बस आप जो नहीं हे उसके साथ पहचान को त्याग दें । अपने आप को और अपने भीतर की शक्ति को देखें । दहाड़ अपने आप आ जाएगी।